घाटेमें चल रहे एअर इंडिया की बिक्री सितम्बरतक पूरी होगी

Economy- Disinvestment by Government

घाटेमें चल रहे एअर इंडिया की बिक्री सितम्बरतक पूरी होगी

New Delhi दि. १३ एप्रिल २०२१

केंद्र सरकार ने एअर इंडिया की बिक्री के लिए वित्तीय निविदा मंगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उम्मीद है कि सरकारी एयरलाइंस की बिक्री की प्रक्रिया सितंबर तक पूरी हो जाएगी। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सरकार ने पिछले साल दिसंबर में एअर इंडिया की बिक्री के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) आमंत्रित की थीं। घाटे में चल रही एअर इंडिया को खरीदने के लिए टाटा ग्रुप समेत कई कंपनियों ने प्रारंभिक निविदा जमा की थी।

सितंबर तक पूरी हो सकती है बिक्री प्रक्रिया

सूत्रों का कहना है कि प्रारंभिक निविदा का आंकलन करने के बाद योग्य खरीदारों को एअर इंडिया के वर्चुअल डाटा रूम (VDR) का एक्सेस दे दिया गया है। इसके जरिए खरीदार अपने सवालों के जवाब पा सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि अब बिक्री की प्रक्रिया वित्तीय निविदा के स्तर पर पहुंच गई है। इस बिक्री प्रक्रिया के सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद की जा रही है।

खरीदने की कतार में टाटा और स्पाइसजेट ग्रुप

पिछले महीने सूत्रों ने बताया था कि एअर इंडिया को खरीदने के लिए अब केवल टाटा ग्रुप और प्राइवेट एयरलाइन स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह का ग्रुप ही बचा है। अन्य सभी आवेदन EoI मूल्याकंन के स्तर पर खारिज हो चुके हैं। एअर इंडिया को खरीदने के लिए टाटा ग्रुप और अजय सिंह के ग्रुप के अलावा न्यूयॉर्क के इटरप्स इंक के जॉइंट वेंचर, एअर इंडिया के 209 पूर्व कर्मचारियों के ग्रुप, एस्सार ग्रुप, पवन रुइया की कंपनी डनलप और फाल्कन टायर्स ने भी EoI जमा की थी।

जून में हो सकती है खरीदार की घोषणा

पिछले महीने नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि वित्तीय निविदा के चयन की प्रक्रिया 64 दिन में पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद जून में संभावित खरीदार की घोषणा कर दी जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि सरकारी विमान कंपनी के निजीकरण की मौजूदा प्रक्रिया में कोविड-19 महामारी के कारण देरी हो गई है। सरकार ने इस साल के अंत तक एअर इंडिया की बिक्री की प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य तय किया है। जून में नए मालिकों का चुनाव होने के बाद 6 महीने में एअर इंडिया का प्रबंधन सौंप दिया जाएगा।

एअर इंडिया को 20 साल से बेचने की कोशिश

एअर इंडिया को बेचने की कोशिश काफी लंबे समय से हो रही है। 20 साल पहले से इसे बेचा जा रहा है। उस समय 20% हिस्सेदारी बेचने की बात हो रही थी। हालांकि, इस समय इसकी पूरी हिस्सेदारी बेचने की योजना है। अब तक ढेर सारी कंपनियों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। लेकिन सरकार की शर्तों और इसके भारी-भरकम कर्ज के कारण कोई खरीदार नहीं आ पा रहा है। टाटा ग्रुप अभी भी इसको खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहा है। क्योंकि टाटा ग्रुप ने ही इसकी शुरुआत की थी। टाटा ग्रुप के सामने यह दिक्कत है कि वह एअर एशिया और विस्तारा में पहले से ही भागीदार है।

2017 में 74 पर्सेंट हिस्सा बेचने की योजना थी

सरकार 2017 में एअर इंडिया में 74% हिस्सेदारी बेच रही थी। पर बाद में इसे बढ़ाकर 100% कर दिया गया था। इसके साथ ही एअर इंडिया एक्सप्रेस में भी सरकार पूरी हिस्सेदारी बेच रही है। एअर इंडिया के पास कुल 46 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति है। इसमें जमीन, बिल्डिंग, फ्लीट और अन्य संपत्तियां हैं। 1932 में शुरू हुई एअर इंडिया खरीदार को घरेलू एयरपोर्ट्स पर 4,400 डॉमेस्टिक और 1800 इंटरनेशनल लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट मिलेंगे। इसके अलावा विदेशी एयरपोर्ट पर 900 स्लॉट्स भी मिलेंगे।

बीते वित्त वर्ष में 10 हजार करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान

कोविड-19 के चलते हवाई यातायात पर बुरा असर पड़ा है। इस कारण बीते वित्त वर्ष में एअर इंडिया को 10 हजार करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान जताया जा रहा है। सरकार ने एअर इंडिया का 30 हजार करोड़ रुपए का कर्ज स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) AI असेट होल्डिंग्स लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिया था। इस कारण एअर इंडिया का कर्ज घटकर 23 हजार करोड़ रुपए पर आ गया है।

सौजन्य- दैनिक भास्कर

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https://www.bhaskar.com/business/news/govt-begins-process-for-inviting-financial-bids-for-air-india-sale-deal-to-conclude-by-sep-128412464.html

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