बैड बैंक अगले महीने से शुरू हो सकता है, जानिए यह कैसे काम करता है और इससे क्या होगा फायदा!

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बैड बैंक अगले महीने से शुरू हो सकता है, जानिए यह कैसे काम करता है और इससे क्या होगा फायदा!
M Y Team दिनांक ११ जून २०२१
Bad Bank क्या है? यह सवाल अनेकोंके मनमे आज उमड़ रहा है I बैंकों के फंसे हुए कर्ज यानी एनपीए की समस्या से निपटने के लिए सरकार को बैड बैंक का सुझाव दिया गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी वित्त वर्ष 2021-22 के बजट को पेश करते हुए असेट री-कंस्ट्रक्शन कंपनी यानी बैड बैंक की घोषणा की थी। अनुमान था अगले महीने से यह शुरू हो सकता है। अब भारतीय बैंक संघ (Indian Bank Association) यानी आईबीए के सीईओ सुनील मेहता ने भी कहा है कि अगले महीने यानी जून से बैड बैंक की शुरुआत की जा सकती है। आइए जानते हैं क्या है बैड बैंक, कैसे करेगा काम (how bad bank works) और क्या होंगे इससे फायदे (Benefits of bad bank)।
क्या होता है बैड बैंक?
बैड बैंक एक तरह की असेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी होती है, जिसका काम ये होता है कि बैंकों के फंसे हुए कर्जों यानी एनपीए को टेकओवर करे। बैड बैंक किसी भी बैड असेट को गुड असेट में बदलने का काम करता है। अगर भी बैंक किसी को लोन देता है तो ये जरूरी नहीं कि हर कोई लोन की हर किस्त समय से चुका दे या लोन पूरा चुका दे। जब लोन की किस्तें आनी बंद हो जाती हैं तो धीरे-धीरे वह लोन एक बुरे कर्ज यानी एनपीए (NPA) में तब्दील होने लगता है। कोई भी बैंक अपने पास इस बुरे कर्ज को नहीं रखना चाहता है, क्योंकि उससे उसकी बैलेंस शीट खराब होती है। इन बुरे कर्ज को बैड बैंक ले लेगा और फिर वसूली की कोशिश करेगा।
क्या होता है NPA?
भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार जिस संपत्ति से बैंक की कोई कमाई नहीं होती है, उसे एनपीए कहा जाता है। हालांकि, इसके लिए 180 दिन की सीमा तय की गई है। यानी अगर किसी लोन की किस्तें 180 दिन से अधिक तक नहीं आती हैं तो वह लोन एनपीए की श्रेणी में चला जाता है। अगर मौजूदा समय की बात करें तो देश के बैंकिंग सिस्टम में करीब 8.5 फीसदी एनपीए है और रिजर्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि मार्च तक यह बढ़कर 12.5 फीसदी तक पहुंच सकता है।
क्या फायदा होगा बैड बैंक से?
बैड बैंक से सबसे बड़ा फायदा तो ये होगा कि बैंकों की बैलेंस शीट सुधरेगी और उन्हें नए लोन देने में आसानी होगी। बहुत सारे बैंक एनपीए से मुक्त हो जाएंगे। बैंकों की बैलेंस शीट साफ-सुथरी होने से सरकार को भी फायदा होगा। अगर किसी बैंक का निजीकरण करना होगा, तो उसमें आसानी होगी। वहीं बैड बैंक के जरिए एनपीए यानी बैड असेट को गुड असेट बनाने में मदद मिलेगी। बैड बैंक के जरिए फंसे हुए कर्ज की वसूली के लिए कोशिशें की जाएंगी।
कहां से आया बैड बैंक का आइडिया?
बैड बैंक भारत की खोज नहीं है, बल्कि इसकी शुरुआत अमेरिका में हुई थी। 1980 के दशक में बहुत सारे अमेरिकी बैंकों की हालत ये थी कि वह खराब कर्ज यानी एनपीए की वजह से डूबने के कगार पर जा पहुंचे थे। ऐसे में बैड बैंक का आइडिया लाया गया और बैड असेट को गुड असेट बनाने की कोशिशें शुरू हुईं। भारत में भले ही यह नया है, लेकिन अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, पुर्तगाल जैसे देशों में सालों से बैड बैंक काम कर रहे हैं।
सौजन्य-नवभारत टाईम्स
https://navbharattimes.indiatimes.com/business/business-dictionary/bad-bank-may-start-from-next-month-know-how-it-works-and-what-are-its-benefits/articleshow/82521273.cms?story=1

 

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