प्रधान मंत्री मोदी ने शुक्रवार १० जुलाई २०२० को मध्य प्रदेश के रीवा में 750 मेगावाट के सोलर प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया

प्रधान मंत्री मोदी ने शुक्रवार १० जुलाई २०२० को मध्य प्रदेश के रीवा में 750 मेगावाट के सोलर प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भौगोलिक स्थिति के हिसाब से भारत एक ऐसा देश है, जहां साल भर में करीब 300 दिन जमीन पर धूप रहती है। यही कारण है कि सौर ऊर्जा के मामले में भारत का भविष्य स्वर्णिम है। पारंपरिक संसाधनों से बिजली पैदा करना दिनों-दिन महंगा होता जा रहा है। सौर ऊर्जा इसका एक ठोस विकल्प है। प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों में कहें, तो सौर ऊर्जा श्योर, प्योर और सिक्योर है। श्योर इसलिए क्योंकि सूर्य हमेशा चमकता रहेगा, प्योर इसलिए क्योंकि यह पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करता और सिक्योर इसलिए क्योंकि ये हमारी ऊर्जा जरूरतों को सुरक्षित करता है।

 

तेजी से बढ़ रहा है सोलर बिजली का इस्तेमाल

केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा सौर उर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए लायी गई योजनाओं के फलस्वरूप पिछले कुछ सालों से भारत में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। लोग अपने खेतों, घरों और ऑफिस आदि जगहों पर सौर ऊर्जा से प्राप्त बिजली का प्रयोग कर रहे हैं। सरकार द्वारा सौर ऊर्जा के क्षेत्र में पीएम कुसुम योजना और अटल ज्योती योजना सहित कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, साल 2015 से 2017 के बीच सौर ऊर्जा का उत्पादन भारत में अपनी स्थापित क्षमता से 4 गुना बढ़कर 10,000 मेगावाट को पार कर गया था। यह देश में बिजली उत्पादन की स्थापित क्षमता का 16 फीसद है।

देश में सोलर बिजली की दर न्यूनतम स्तर पर

इस समय भारत में सोलर बिजली की दर न्यूनतम स्तर पर है। कुछ दिन पहले ही सौर ऊर्जा का उत्पादन करने वाली छह कंपनियों ने अपनी बोली में 2.36 रुपये प्रति यूनिट की दर से सोलर बिजली बेचने की पेशकश की है। ये कंपनियां 2,000 मेगावाट तक सोलर बिजली का उत्पादन करेंगी। इन छह कंपनियों में से पांच विदेशी और एक भारतीय कंपनी है। इससे पहले सौर ऊर्जा का न्यूनतम टैरिफ 2.44 रुपये प्रति यूनिट था। यह बोली मई 2017 में लगाई गई थी।

एशिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क है रीवा का सोलर प्रोजेक्ट

प्रधान मंत्री मोदी ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के रीवा में 750 मेगावाट के सोलर प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया है। यह एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्रोजेक्ट है और दुनिया के सबसे बड़े सोलर प्रोजेक्ट्स में शामिल है। इस प्रोजेक्ट के कुल उत्पादन की 24 फीसद बिजली दिल्ली मेट्रो को मिलेगी और शेष 76 फीसद बिजली मध्य प्रदेश के राज्य बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को दी जाएगी। पीएम ने प्रोजेक्ट का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत अब स्वच्छ ऊर्जा का सबसे शानदार बाजार बन गया है और इस क्षेत्र में देश मॉडल बनकर दुनिया के सामने उभरा है।

चीनी प्रभाव को करना होगा कम

मौजूदा समय में भारतीय बाजार में चीन के सोलर उपकरणों की हिस्सेदारी 90 फीसद है। दिग्गज कारोबारी गौतम अडाणी का मानना है कि आने वाले पांच साल काफी अहम है। इस दौरान सोलर सेक्टर में चीनी कंपनियों का दबदबा पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। सौर ऊर्जा क्षेत्र में चीन के प्रभाव को कम करने के लिए भारत में ही सोलर उपकरणों का बड़े स्तर पर उत्पादन करने की जरूरत है। इससे देश आत्मनिर्भरता तो प्राप्त करेगा ही, साथ ही बहुत से लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा।

सौजन्य : jagaran.com

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