माइनस 50 डिग्री तापमान में भी जवानों को सर्दी से बचाएगी पूर्णतया स्वदेशी ड्रेस

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माइनस 50 डिग्री तापमान में भी जवानों को सर्दी से बचाएगी पूर्णतया स्वदेशी ड्रेस

दिनांक ३ सप्टेम्बर २०२०

आत्मनिर्भर भारत के तहत आयुध वस्त्र निर्माणी (ओसीएफ) ने भी कदम बढ़ाए हैं। फैक्ट्री ने अपने विशेष उत्पाद एक्स्ट्रीम कोल्ड विंटर क्लोथिंग सिस्टम (ईसीडब्ल्यूसीएस) को लॉन्च कर दिया है। करीब सात वर्षों से चल रहे शोध के बाद तैयार की गई पूर्णतया स्वदेशी यह विशेष ड्रेस माइनस 50 डिग्री तापमान वाले क्षेत्रों में भी सेना के जवानों को सर्दी से बचाएगी।

ड्रेस पूरी तरह से स्वदेशी फार्मूले पर तैयार : इस प्रकार के वस्त्रों के लिए अब तक निजी क्षेत्र पर निर्भरता थी। यह पहला मौका है जब कोई सरकारी उपक्रम सेनासुरक्षा बलों के लिए इस तरह की ड्रेस को पूरी तरह से स्वदेशी फार्मूले पर तैयार करने में सफल रहा है। भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के ट्रायल में सैंपल के पास होने के बाद फैक्ट्री प्रबंधन उत्साहित है। एप्रूवल के लिए अब सेना को भी सैंपल भेजे गए हैं। आर्डर मिलते ही आवश्यकतानुरूप उत्पादन शुरू हो जाएगा। सेना को अब तक निजी क्षेत्र से इस प्रकार के वस्त्र लेने पड़ रहे थे।

सात वर्ष तक चले शोध के बाद विकसित हुई स्वदेशी तकनीक : वर्ष 1914 में स्थापित आयुध वस्त्र निर्माणी सेना के जवानों के लिए विभिन्न उत्पाद बनाती है, बेहतर गुणवत्ता के कारण जिनकी मांग सेना में बनी हुई है, किंतु सर्दी से बचाव में कारगर आधुनिक श्रेणी के इन वस्त्रों का उत्पादन पहली बार होने जा रहा है। ओसीएफ ने अप्रैल 2013 में इस प्रोजेक्ट पर शोध कार्य शुरू किया था, जबकि विगत डिफेंस एक्सपो में इस ड्रेस को पहली बार प्रदर्शित किया गया था। यह ड्रेस सेना के जवानों को सर्दी से बचाने में विशेष रूप से उपयोगी होगी।

थर्मल इंसुलेटेड सिस्टम की तीन लेयर से युक्त है ड्रेस : थर्मल इंसुलेटेड सिस्टम की तीन लेयर्स से तैयार इस ड्रेस में भारत में ही तैयार ब्रीदवल फैब्रिक मैटेरियल का उपयोग किया गया है। एक कम्प्लीट ड्रेस का वजन साढ़े चार किलोग्राम है। पहली इनर लेयर शरीर का तापमान नियंत्रित कर नमी को पसीने के रूप में बाहर निकालती है और शरीर को अंदर से सूखा रखती है। इसे कम्फर्ट लेयर कहा गया है। दूसरी मिडिल लेयर शरीर से निकलने वाली गर्मी को ड्रेस से बाहर नहीं निकलने देती। इसे इंसुलेशन लेयर कहा गया है। वहीं, तीसरी आउटर लेयर बर्फबारी, पानी और तेज गति की हवा से बचाती है। इस लेयर को प्रोटेक्शन लेयर नाम दिया गया है।

पीआरओ ओसीएफ के कार्य प्रबंधक अनुराग यादव ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत हमने ईसीडब्ल्यूसीएस को लॉन्च किया है। इसे बनाने में पूरी तरह से स्वेदशी मैटेरियल का उपयोग किया गया है। अभी इस तरह की ड्रेस निजी क्षेत्र से लेनी पड़ रही है। सेना व सुरक्षा बलों के लिए आर्डर मिलते ही आवश्यकतानुसार उत्पादन प्रारंभ कर दिया जाएगा।

सौजन्य : दैनिक जागरण

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