विदेशी मुद्रा भंडार में १.४४४अरब डॉलर का इजाफा, स्वर्ण भंडार के मूल्य में आया १०० करोड़ डॉलर से अधिक का उछाल

विदेशी मुद्रा भंडार में १.४४४अरब डॉलर का इजाफा, स्वर्ण भंडार के मूल्य में आया १०० करोड़ डॉलर से अधिक का उछाल

M Y Team दिनांक १५ मई २०२१

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले सप्ताह १.४४४ अरब डॉलर का इजाफा हुआ। आरबीआइ द्वारा दी जानकारी के अनुसार, इस बढ़ोतरी के साथ सात मई को खत्म सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार ५८९.४६५ अरब डॉलर पर जा पहुंचा। देश का विदेशी मुद्रा भंडार उससे एक सप्ताह पहले यानी ३० अप्रैल को खत्म सप्ताह में ३.९१३  अरब डॉलर बढ़कर ५८८.०२ अरब डॉलर हो गया था।

पिछले कुछ समय के दौरान लगातार हुई बढ़ोतरी के चलते इस वर्ष 29 जनवरी को खत्म सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार ५९०.१८५ अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। पिछले वर्ष जून में पहली बार देश का विदेशी मुद्रा भंडार ५००  अरब डॉलर के पार पहुंचा था।

आरबीआइ द्वारा दी जानकारी के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में ४३.४  करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी हुई। इससे इन परिसंपत्तियों का मूल्य बढ़कर ५४६.४९३ अरब डॉलर पर जा पहुंचा।

विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना 

किसी भी देश के विदेशी मुद्रा भंडार में ४  तत्व शामिल होते हैं I १)  विदेशी परिसंपत्तियाँ (विदेशी कंपनियों के शेयर, डिबेंचर, बाॅण्ड इत्यादि विदेशी मुद्रा के रूप में)    २) स्वर्ण भंडार ३) IMF के पास रिज़र्व ट्रेंच (Reserve Trench)  ४)विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights-SDR)

विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि के कारण

विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि का प्रमुख कारण भारतीय शेयर बाज़ार में पोर्टफोलियो निवेश और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में हो रही वृद्धि है। विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाज़ार में २.७५  बिलियन डॉलर से अधिक के शेयर खरीदे हैं। विदेशी निवेशकों द्वारा रिलायंस इंडस्ट्रीज़ की सहायक कंपनी जियो (JIO Platform) में लगभग ९७०००  करोड़ रूपए का निवेश भी किया गया है।  इसके साथ ही कच्चे तेल की मांग में भारी कमी और उसकी कीमत में गिरावट से विदेशी मुद्रा भंडार में भी बचत हुई। मांग में गिरावट के चलते आयात भी काफी कम हुआ है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार से कम व्यय करना पड़ा है।

विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि का महत्त्व 

विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि से सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक को भारत के आंतरिक और वाह्य वित्तीय मुद्दों का प्रबंधन करने में सहायता प्राप्त होगी।  विदेशी मुद्रा बाज़ार में अस्थिरता को कम करने के लिये विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि अति आवश्यक थी। विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि से भारत लगभग १७  माह तक आयात बिल को कवर करने में सक्षम हो जाएगा। विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि से भारतीय रूपए को डॉलर के सापेक्ष मज़बूती भी प्राप्त होती है। विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि निवेशकों में आत्मविश्वास और ऊर्जा का भी संचार करता है। विदेशी मुद्रा भंडार वाह्य ऋण दायित्वों को पूरा करने में सरकार की सहायता कर सकता है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आपदाओं की स्थिति में बेहतर ढंग से निपटने में विदेशी मुद्रा भंडार की प्रभावी भूमिका हो सकती है।

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